अक्षय ऊर्जा में महिला सशक्तिकरण
अक्षय ऊर्जा के बढ़ते महत्व के साथ-साथ, महिलाएं इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। हाल ही के वर्षों में, भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं द्वारा अग्रणी स्थान ग्रहण करने और बढ़त हासिल करने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
भारत में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं के उदाहरणों में से एक उदाहरण सुश्री वंदना गोम्बर का है, जो एक पत्रकार और ऊर्जा एवं पर्यावरण संबंधी मामलों की समालोचक हैं। वे भारत में कई वर्षों से अक्षय ऊर्जा और सतत विकास की समर्थक रही हैं। एक अन्य उदाहरण सुश्री वैशाली निगम सिन्हा हैं, जो कंपनी रिन्यू पावर की सह-संस्थापक और मुख्य स्थिरता अधिकारी हैं। वे कंपनी की सफलता में मददगार रही हैं और इसे भारत की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनाने में सहायता की है। कई अन्य महिलाएं भी हैं, जो अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान और विकास में कार्य कर रही हैं। उदाहरण के रूप में, डॉ. स्मिता गुप्ता, नई दिल्ली स्थित भारतीय भौतिक प्रयोगशाला में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। वे अधिक दक्ष सौर सेलों के निर्माण पर कार्य कर रही हैं, जिनका उपयोग सौर पैनल बनाने में किया जा सकता है।
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कुछ अन्य महिला वैज्ञानिक डॉ. पूर्णिमा जलिहाल (एनआईओटी), डॉ. गीता बालाकृष्णन (जैन विश्वविद्यालय), डॉ. वसंता ठाकुर (एमएनआरई), सुश्री प्रिया (एमएनआरई) भारत में अक्षय ऊर्जा के कार्यान्वयन के लिए कार्य कर रही हैं।
यद्यपि, भारत की महिलाएं कुकिंग, ड्राईंग, स्पेस हीटिंग आदि पारंपरिक विधियों का उपयोग करने की चुनौतियों से निपट रही हैं। तथापि, वे बेहतर कुकिंग प्रणालियों, सोलर कुकर, बायोगैस का उपयोग कर, अपने नियमित घरेलू कार्यों में अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और सोलर ड्रायर, सोलर लैंप आदि जैसे जीविका उपार्जन के उत्पादों का उपयोग करने का प्रयास कर रही हैं।
कुल मिलाकर, एक ओर जहां भारत में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं, वहीं, भविष्य के लिए बहुत आशा और संभावनाएं भी हैं। बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने और योगदान करने के साथ ही, भारत आने वाले समय में अक्षय ऊर्जा में अग्रणी बनने की बेहतर स्थिति में है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दिनांक 17.02.2022 को आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए अपने नए कार्यक्रम “न्यू फ्रन्टीयर्स: अक्षय ऊर्जा संबंधी कार्यक्रम” का दूसरा दिवस मनाया गया। मंत्रालय द्वारा अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में महिला उद्यमियों एवं अग्रणियों की भूमिका को स्वीकार करते हुए, “विमेन इन रिन्यूएबल एनर्जी (आरई): कॉल फॉर एक्श्न” से संबंधित ऑनलाइन सत्र आयोजित किया गया।
देखें (430 केबी, पीडीएफ)