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    कौशल विकास कार्यक्रम

    1. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कौशल विकास

    सूर्यमित्र (सौर पीवी तकनीश‍ियन) कार्यक्रम

    सौर ऊर्जा क्षेत्र की मांग को पूरा करने के लिए कार्यबल तैयार करने हेतु वर्ष 2015 में एक कौशल विकास कार्यक्रम अर्थात सौर पीवी तकनीशियन (सूर्यमित्र) प्रश‍िक्षण की शुरुआत की गई। दिसम्‍बर, 2022 तक कुल मिलाकर 51529 सूर्यमित्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सूर्यमित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम को सौर ऊर्जा संभाव्‍य क्षेत्रों / स्‍थापित सौर परियोजनाओं पर ध्‍यान केन्‍द्रित करते हुए अखि‍ल भारतीय स्‍तर पर लागू किया जाएगा। कार्यक्रम का संक्षिप्‍त विवरण नीचे दि‍या गया है:

    • कार्यान्‍वयन करने वाला संस्‍थान: सौर एवं अन्‍य अक्षय ऊर्जा टेक्‍नोलॉज‍ियों में इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर, श‍िक्षकों की संख्‍या और पूर्व के प्रशिक्षण अनुभवों के आधार पर राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा संस्‍थान (नाइस) द्वारा चुने गए प्रशिक्षण केन्‍द्रों / संस्‍थानों के माध्‍यम से कार्यान्‍व‍ित किया जाता है।
    • कार्यक्रम की अवधि: कार्यक्रम की अवधि तीन माह (आवासीय) / 600 घंटे है, जिसमें क्‍लासरूम प्रशिक्षण, लैब प्रेक्‍ट‍िकल, एसपीवी संयंत्र संबंधी जानकारी, कार्य के दौरान प्रशिक्षण,जानकारी, आसान कौशल और उद्यमिता कौशल आदि शामिल हैं।
    • लक्ष‍ित भागीदार: न्‍यूनतम 10वीं पास + इलेक्‍ट्र‍िशियन / वायरमेन / इलेक्‍ट्रॉ‍निक्‍स म‍ैकेनिक / फिटर / शीट मेटल में आई.टी.आई।
    • वित्‍त पोषण मानदंड: प्रश‍िक्षण के लिए वित्‍त पोषण कौशल एवं उद्यमि‍ता विकास मंत्रालय (एमएसडीई) के अनुसार होगा और आवधिक परिवर्तन एमएसडी द्वारा मानकों में कि‍ए गए संशोधन के अनुसार होंगे।
    • मूल्‍यांकन एवं प्रमाणीकरणस्‍क‍िल काउंसि‍ल ऑफ ग्रीन जॉब्‍स (एससीजीजे) / एमएसडीई द्वारा अनुमोदित कि‍न्‍ही अन्‍य संस्‍थाओं द्वारा।
    • अन्‍य ब्‍यौरे: सूर्यमित्र कार्यक्रम के संबंध में ब्‍यौरे https://suryamitra.nise.res.in पर देखे जा सकते हैं।

    सूर्यमित्र प्रश‍िक्षण केन्‍द्र वित्‍त वर्ष 2022-23 (97 केबी, पीडीएफ)

    प्रशिक्षित सूर्यमित्रों की सूची
    वरूणमित्र (सौर जल पंपिंग तकनीशियन) कार्यक्रम:

    पीएम-कुसुम (प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान) योजना, जिसमें विकेन्‍द्रीकृत अक्षय ऊर्जा संयंत्रों और कृष‍ि पंपों के हाइ‍ब्रीडाइजेशन का प्रावधान है, के तहत कृषि डीजल पंपों के स्‍थान पर सौर जल पंपों का उपयोग और ग्रि‍ड से जुड़े कृष‍ि पंपों का सौरीकरण करने की योजना है। पीएम-कुसुम योजना के तहत बड़ी संख्‍या में ‘सौर जल पंप’ की स्‍थापना, चालू करने के साथ-साथ मरम्‍मत / रखरखाव के लिए ‘प्रशिक्षि‍त एवं कुशल’ जनशक्‍त‍ि की आवश्‍यकता होगी। इन सभी को ध्‍यान में रखते हुए, टेक्‍नोलॉजी के बारे में जागरूकता प्रदान करने हेतु देशभर में “वायुमित्र” सौर जल पंपिंग प्रणाली संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया गया। प्रशिक्षित एवं कुशल कार्यबल को “वायुमित्र” कहा जाता है। राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा संस्‍थान (नाइस) के जरि‍ए सौर जल पंपिंग तकनीशियन प्रशि‍क्षण कार्यक्रम कार्यान्‍व‍ित किया जाता है।

    वायुमित्र कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित प्रत‍िभाग‍ियों के ब्‍यौरे( 91 केबी, पीडीएफ)

    2. अन्‍य अक्षय ऊर्जा टेक्‍नोलॉजियों में कौशल विकास

    वायुमित्र (पवन ऊर्जा तकनीशि‍यन) कार्यक्रम

    वर्षों की अवध‍ि के लिए 5734 कुशल कार्यबल तैयार करने के लक्ष्‍य के साथ पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पवन विद्युत संयंत्र तकनीशियनों को प्रश‍िक्षित करने के उद्देश्‍य से वायुमित्र कौशल विकास कार्यक्रम (वीएसडीपी) (चरण-I) शुरु किया गया था। राष्‍ट्रीय पवन ऊर्जा संस्‍थान (नीवे), चेन्‍नई को प्रशिक्षण का समन्‍वय करने का कार्य सौंपा गया है।

    • वायुमित्र कार्यक्रम संबंधी ब्‍यौरे https://vsdp.niwe.res.in/ पर देखे जा सकते हैं।
    जल ऊर्जा मित्र (लघु पन ब‍िजली संयंत्र तकनीशियन) कार्यक्रम

    मंत्रालय ने 5 वर्षों की अवधि के लिए 1780 कुशल कार्यबल तैयार करने के लक्ष्‍य के साथ लघु पन बिजली परियोजनाओं के रखरखाव के लिए लघु पन बिजली संयंत्र तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्‍य से जल-ऊर्जामित्र कौशल विकास कार्यक्रम की शुरुआत की है। जल एवं अक्षय ऊर्जा विकास विभाग (एचआरईडी), भारतीय प्रौद्योगि‍की संस्‍थान, रुडकी को प्रशिक्षण का समन्‍वय करने का कार्य सौंपा गया है।