प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम)
उद्देश्य
- पीएम कुसुम योजना का लक्ष्य, 34,422 करोड़ रु. की कुल केंद्रीय वित्तीय सहायता से मार्च 2026 तक 34,800 मेगावाट सौर क्षमता को जोड़ना है, जिसमें कार्यान्वयन एजेंसियों के सेवा शुल्क भी शामिल हैं।
- इस योजना के निम्नलिखित घटक हैं:
- घटक-क: 10,000 मेगावाट विकेंद्रीकृत ग्राउंड/स्टिल्ट माउंटेड ग्रिड-कनेक्टेड सौर अथवा अन्य अक्षय ऊर्जा आधारित विद्युत संयंत्रों की स्थापना
- घटक-ख: 14 लाख स्टैंड-अलोन सौर कृषि पंपों की स्थापना
- घटक-ग: फीडर स्तरीय सौरीकरण सहित 35 लाख ग्रिड कनेक्टेड कृषि पंपों का सौरीकरण
अवधि
दिनांक 31.03.2026 तक
प्रमुख विशेषताएं
- घटक-क:
- 500 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता के अक्षय ऊर्जा आधारित विद्युत संयंत्रों (आरईपीपी) की स्थापना, व्यक्तिगत किसानों/किसानों के समूह/सहकारी समितियों/पंचायतों/किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/जल उपयोगकर्ता संघों (डब्ल्यूयूए) द्वारा की जाएगी, जिन्हें इसके बाद अक्षय विद्युत उत्पादक (आरपीजी) कहा जाएगा। उपर्युक्त निर्दिष्ट संस्थाएं आरईपीपी स्थापित करने के लिए आवश्यक इक्विटी की व्यवस्था करने में सक्षम न होने पर, वे डेवलपर(रों) अथवा यहां तक कि स्थानीय डिस्कॉम के माध्यम से आरईपीपी विकसित करने का विकल्प चुन सकते हैं, जिसे इस मामले में आरपीजी माना जाएगा।
- डिस्कॉम्स, सब-स्टेशन-वार सरप्लस क्षमता के बारे में सूचित करेंगे, जिसे ऐसे आरईपीपी से ग्रिड में भेजा जा सकता है और सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए इच्छुक लाभार्थियों से आवेदन आमंत्रित करेंगे।
- उत्पादित सौर विद्युत की खरीद डिस्कॉम द्वारा संबंधित राज्य विद्युत विनियामक आयोग (एसईआरसी) द्वारा निर्धारित फीड-इन-टैरिफ (एफआईटी) पर की जाएगी।
- डिस्कॉम, वाणिज्यिक परिचालन तिथि (सीओडी) से पांच वर्ष की अवधि के लिए खरीदी गई प्रति यूनिट 0.40 रुपये या स्थापित क्षमता के प्रति मेगावाट 6.6 लाख रुपये, जो भी कम हो, की दर से पीबीआई प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।
- घटक-ख:
- व्यक्तिगत किसानों को, जिन ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में ग्रिड आपूर्ति उपलब्ध नहीं है, वहां 7.5 एचपी तक की क्षमता वाले स्टैंडअलोन सौर कृषि पंप स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
- स्टैंड-अलोन सौर कृषि पंप के लिए बेंचमार्क लागत अथवा निविदा का 30%, जो भी कम हो, सीएफए प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार कम से कम 30% की सब्सिडी देगी; और शेष अधिकतम 40% किसान द्वारा प्रदान किया जाएगा। किसान, बैंक से वित्त प्राप्त कर सकते हैं, ताकि किसान को शुरू में लागत का केवल 10% और शेष 30% ऋण के रूप में देना होगा।
- पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में, स्टैंड-अलोन सौर पंप के लिए बेंचमार्क लागत अथवा निविदा लागत का 50%, जो भी कम हो, सीएफए प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार कम से कम 30% सब्सिडी देगी; और शेष अधिकतम 20% किसान द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- इसके अतिरिक्त, जहां राज्य अपना राज्य हिस्सा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, वहां किसानों को केंद्रीय सीएफए के साथ सौर पंप स्थापित करने की अनुमति दी गई है।
- घटक-ग: व्यक्तिगत पंप का सौरीकरण (आईपीएस)
- ग्रिड कनेक्टड कृषि पंप वाले व्यक्तिगत किसानों को पंपों का सौरीकरण करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के अंतर्गत, पंप क्षमता के किलोवाट में दो गुना तक सौर पीवी क्षमता की अनुमति है।
- किसान, सिंचाई की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्पन्न की गई सौर विद्युत का उपयोग करने में सक्षम होंगे और अतिरिक्त सौर विद्युत डिस्कॉमों को बेची जाएगी
- सौर पीवी घटक की बेंचमार्क लागत अथवा निविदा लागत, जो भी कम हो, का 30% सीएफए प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार कम से कम 30% की सब्सिडी देगी, और शेष अधिकतम 40% किसान द्वारा प्रदान किया जाएगा। किसान द्वारा बैंक वित्त लिया जा सकता है, जिससे किसान को शुरू में लागत के केवल 10% का भुगतान करना होता है और शेष लागत के 30% तक ऋण के रूप में भुगतान करना होता है।
- पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में, सौर पंप की बेंचमार्क लागत अथवा निविदा लागत, जो भी कम हो, का 50% सीएफए प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार कम से कम 30% की सब्सिडी देगी; और शेष अधिकतम 20% किसान द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- इसके अलावा, किसानों को केन्द्रीय वित्तीय सहायता के साथ सौर पंप स्थापित करने की अनुमति दी जाती है जहां राज्य अपना राज्य का हिस्सा प्रदान करने की स्थिति में नहीं होते हैं।
- घटक-ग: फीडर स्तरीय सौरीकरण (एफएलएस)
- व्यक्तिगत सौर पंपों के बजाय, राज्य कृषि फीडरों का सौरीकरण कर सकते हैं। दिशा-निर्देश दिनांक 04.12.2020 को जारी किए गए थे।
- जहां कृषि फीडरों को अलग नहीं किया जाता है, वहां फीडर सेपरेशन के लिए नाबार्ड अथवा पीएफसी/आरईसी से ऋण लिया जाए। फीडर सेपरेशन के लिए अतिरिक्त सहायता विद्युत मंत्रालय की पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) से प्राप्त की जा सकती है। तथापि, मिश्रित सौरीकरण भी किया जा सकता है।
- चयनित फीडर की कृषि भार की आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम क्षमता के सौर संयंत्रों को कैपेक्स/रेस्को मोड के माध्यम से 25 वर्ष की परियोजना अवधि के लिए स्थापित किया जा सकता है।
- सौर विद्युत संयंत्र की स्थापना की लागत पर 30% (1.05 करोड़ रुपये/मेगावाट तक) का सीएफए प्रदान किया जाएगा। तथापि, पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में 50% (1.75 करोड़ रु/मेगावाट तक) सब्सिडी उपलब्ध है.
- किसानों को सिंचाई के लिए दिन के समय में सुनिश्चित विद्युत निःशुल्क अथवा उनके संबंधित राज्य द्वारा निर्धारित दर पर मिलेगी।
वित्तीय सहायता कैसे प्राप्त करें
- घटक-क:
- उत्पादित सौर विद्युत को डिस्कॉम द्वारा संबंधित राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) द्वारा अनुमोदित फीड-इन-टैरिफ (एफआईटी) पर खरीदा जाएगा।
- यदि किसान/किसानों के समूह/सहकारी समितियां/पंचायतें/किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) आदि एसईपीपी स्थापित करने के लिए आवश्यक इक्विटी की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे डेवलपर के माध्यम से या स्थानीय डिस्कॉम के माध्यम से एसईपीपी विकसित करने का विकल्प चुन सकते हैं, जिसे इस मामले में आरपीजी माना जाएगा। ऐसे मामले में, भूमि मालिक को दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति के अनुसार पट्टा किराया मिलेगा।
- पीबीआई का लाभ उठाने के लिए, कार्यान्वयन एजेंसियों से अनुरोध है कि वे उन परियोजनाओं के लिए अपने दावे प्रस्तुत करें जो उनकी चालू होने (कमीशनिंग) तिथि के एक वर्ष बाद, सीओडी से 5 वर्ष तक पूरी हो चुकी हैं। साथ ही, संयुक्त मीटरिंग रिपोर्ट की हस्ताक्षरित प्रति और लाभार्थी/भूमि-मालिक को भुगतान किए गए पट्टा किराए की रसीद, जहां भी लागू हो, के साथ प्रस्तुत करें।
- घटक-ख और घटक-ग (आईपीएस)
- सौर पंपों के लिए राज्य-वार आवंटन और मौजूदा ग्रिड-कनेक्टेड पंपों का सौरीकरण, एमएनआरई द्वारा सचिव, एमएनआरई की अध्यक्षता में एक स्क्रीनिंग समिति द्वारा अनुमोदन के बाद जारी किया जाएगा।
- कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा आवंटित मात्रा की स्वीकृति और एक निश्चित समय के भीतर एमएनआरई प्रारूप के अनुसार, विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर, एमएनआरई द्वारा अंतिम स्वीकृति जारी की जाएगी।
- एमएनआरई द्वारा स्वीकृति की तिथि से 24 माह के भीतर सौरीकरण के लिए परियोजनाओं अथवा पंपिंग सिस्टम की स्थापना के कार्य पूरे करने होंगे।
- स्वीकृत मात्रा के लिए लागू सीएफए के 40% तक की धनराशि, चयनित वेंडरों को आवंटन पत्र (लेटर ऑफ अवार्ड) जारी करने के बाद कार्यान्वयन एजेंसी को अग्रिम के रूप में जारी की जाएगी।
- लागू सेवा शुल्क के साथ शेष पात्र सीएफए, निर्धारित प्रारूप में परियोजना समापन रिपोर्ट, जीएफआर के अनुसार उपयोगिता प्रमाण पत्र और मंत्रालय द्वारा अन्य संबंधित दस्तावेजों की स्वीकृति पर जारी किया जाएगा।
- एमएनआरई सीएफए और राज्य सरकार की सब्सिडी को सिस्टम लागत में समायोजित किया जाएगा और लाभार्थी को केवल शेष राशि का भुगतान करना होगा।
- घटक-ग (एफएलएस)
- एफएलएस के तहत लागू सीएफए को एफएलएस के कार्यान्वयन के कैपेक्स/रेस्को मोड के अनुसार, निम्नलिखित तरीके से जारी किया जा सकता है।
- कुल कार्य के 30% पूरा होने पर डिस्कॉम को कुल पात्र सीएफए के 30% तक कैपेक्स/रेस्को सीएफए जारी किया जाएगा। योजना दिशानिर्देशों के अनुसार, लक्ष्य हासिल करने पर शेष सीएफए जारी किया जाएगा।
किनसे संपर्क करें
- घटक-क, ख और ग के तहत कार्यान्वयन एजेंसियां (आईपीएस)
- पीएम-कुसुम के सेन्ट्रल पोर्टल को देखें
- कार्यान्वयन एजेंसियों और कैसे आवेदन करें संबंधी सूचना
- स्टैंड-अलोन सौर पंप के वेंडर और दर संबंधी सूचना
संबंधित दस्तावेज
- प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम कुसुम) के घटक ‘सी’ (एफएलएस) के संबंध में स्पष्टीकरण(29/01/2024, 312 kb, PDF)
- प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के कार्यान्वयन के लिए व्यापक दिशानिर्देश(17/01/2024, 8.4 mb, PDF)
- प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) का विस्तार(02.08.2022) (197केबी, पीडीएफ)
- वित्त वर्ष 2020-21 में आयोजित की गई केन्द्रीयकृत निविदा (सेन्ट्रलाइज्ड टेंडर) के अंतर्गत पीएम-कुसुम योजना के घटक-ख के तहत स्टैंड-अलोन सौर पंपों की स्थापना के लिए सूचीबद्ध (एम्पेनल्ड) वेंडरों की सूची (30.05.2022)(2 एमबी, पीडीएफ)
- एमएनआरई द्वारा कार्यान्वित विकेन्द्रीकृत सौर योजनाओं से संबंधित सूचना (17.05.2022)(529 केबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम योजना के दिशानिर्देशों में बैंक गारंटी के प्रावधानों में संशोधन (17.05.2022)(299 केबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम योजना के घटक-क के अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक के ऋण संबंधी दिशानिर्देश (04.04.2022)
- पीएम-कुसुम के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देशों का सरलीकरण (14.12.2021)(184 केबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम योजना के तहत सौर विद्युत संयंत्रों / सौर पंपों की स्थापना के लिए किसानों को ऋण देने हेतु बैंकों द्वारा जारी ऋण संबंधी दिशानिर्देश (01.11.2021)(8 एमबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम सुधार – हिन्दी (26.04.2024)(2 एमबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम सुधार – अंग्रेजी (26.04.2024)(1 एमबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम योजना के घटक-क के तहत ग्रिड संबद्ध सौर विद्युत संयंत्रों की स्थापना के लिए समय-विस्तार (27.08.2021)(318 केबी, पीडीएफ)
- वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मात्रा में से पीएम-कुसुम योजना के घटक-ख के तहत स्टैंड-अलोन सौर पंपों की स्थापना (27.08.2021)(432 केबी, पीडीएफ)
- स्टैंड-अलोन सौर पंपों के लिए विनिर्देशनों एवं जांच प्रक्रिया विधि में संशोधन(236 केबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम योजना के घटक-ग के तहत फीडर-स्तरीय सौरीकरण के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश(409 केबी, पीडीएफ)
- प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के कार्यान्वयन दिशानिर्देशों में संशोधन / स्पष्टीकरण (13.11.2020)(1 एमबी, पीडीएफ)
- प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना में वृद्धि एवं विस्तार (09.11.2020)(1 एमबी, पीडीएफ)
- प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के कार्यान्वयन के लिए स्पष्टीकरण (04.09.2020)(293 केबी, पीडीएफ)
- प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के घटक-ग के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन (27.07.2020)(519 केबी, पीडीएफ)
- इनोवेटिव सौर पंपों के लिए दिशानिर्देश (22.06.2020)(393 केबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम दिशानिर्देशों में स्पष्टीकरण (31.12.2019)(358 केबी, पीडीएफ)
- वर्तमान ग्रिड-संबद्ध कृषि पंपों के सौरीकरण के संबंध में घटक-ग के लिए दिशानिर्देश (08.11.2019)(385 केबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम योजना के दिशानिर्देशों में संशोधन (19.08.2019)(125 केबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम योजना के दिशानिर्देश (22.07.2019)(1 एमबी, पीडीएफ)
- स्टैंड-अलोन पंप के लिए युनिवर्सल सोलर पंप कंट्रोलर (यूएसपीसी) विनिर्देशन (17.07.2019)(476 केबी, पीडीएफ)
- सौर पीवी वाटर पंपिंग सिस्टम के लिए परीक्षण प्रक्रिया के संबंध में दिशानिर्देश (17.07.2019)(2 एमबी, पीडीएफ)
- सौर पीवी वॉटर पंपिंग सिस्टम के लिए विनिर्देशन (17.07.2019)(371 केबी, पीडीएफ)
- पीएम-कुसुम योजना के लिए प्रशासनिक अनुमोदन (08.03.2019)(622 केबी, पीडीएफ)