सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मानवशक्ति का सृजन करने के लिए, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन के तहत, विशेष रूप से एसपीवी प्रणाली के स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए कुशल लोगों की भारी मांग को देखते हुए, मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015 में, सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था एवं प्रशिक्षण के समन्वय का कार्य राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान को सौंपा गया था जिससे सौर ऊर्जा परियोजना के लिए कुशल कारीगर का सृजन हो सके और राष्ट्र के लिए 2019-2020 तक 50,000 सूर्यमित्र तैयार करने का लक्ष्य पूरा हो सके। यह कार्यक्रम कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के मानदंडों का पालन करता है। दिनांक 31 मई, 2019 तक 31,092 सूर्यमित्रों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
सूर्यमित्र कौशल विकास
सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम सौर पीवी उद्योगों की आवश्यकता को पूरा करने वाले कुशल और रोजगार योग्य कार्यबल (सूर्यमित्र) को विकसित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम की अवधि तीन माह है जिसमें कक्षा प्रशिक्षण, व्यवहारिक प्रयोगशाला, एसपीवी प्लांट एस्सपोजर, सेवाकालीन प्रशिक्षण (ओजेटी), सॉफ्ट स्किल्स (आसान कौशल) और उद्यमिता कौशल सहित 600 घंटे शामिल हैं। इसके लिए न्यूनतम योग्यता दसवीं पास + इलेक्ट्रिशियन/वायरमेन/इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक/फिटर/शीट मेटल में आईटीआई है। प्रत्येक बैच में 30 सीटें हैं। सूर्यमित्र कार्यक्रम के अंत में, मेजबान संस्थान प्रशिक्षुओं को रोजगार दिलाने में मदद करता है।
सूर्यमित्र प्रशिक्षण केंद्र वित्तीय वर्ष 2019-20
List of Participants
- वर्ष 2015-16 के लिए
- वर्ष 2016-17 के लिए
- वर्ष 2017-18 के लिए
- वर्ष 2018-19 के लिए