उद्देश्य
सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना देश में कहीं भी की जा सकती है। तथापि, जहां-तहां विकसित सौर विद्युत परियोजनाओं पर प्रति मेगावाट अधिक परियोजना लागत आती है और पारेषण हानियां ज्यादा होती हैं। छोटी-छोटी क्षमताओं की अलग-अलग परियोजनाओं के लिए स्थल विकास, नजदीकी सब-स्टेशन तक अलग पारेषण लाइनें बिछाना, जल की व्यवस्था करने और अन्य आवश्यक संरचना निर्माण पर काफी व्यय होता है। परियोजना डेवलपर को भूमि अधिगृहित करने, सभी प्रकार की स्वीकृतियां और अनुमतियां प्राप्त करने आदि में भी अधिक समय लगता है जिससे अंतत: परियोजना में देरी होती है। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए “सौर पार्क और अल्ट्रा-मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं का विकास” नामक योजना की शुरुआत दिसम्बर, 2014 में की गई थी जिसका उद्देश्य परियोजनाओं की तेजी से स्थापना करने में सौर परियोजना डेवलपरों को सुविधा प्रदान करना था।
अवधि
वर्ष 2025-26 तक
मुख्य विशेषताएं
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- सौर पार्क, सभी सांविधिक स्वीकृतियों के साथ पारेषण अवसंरचना, सड़क, जल, नाला, संचार नेटवर्क आदि जैसी साझा अवसंरचना के साथ विकसित बड़ा भूखंड होता है। इस प्रकार सौर परियोजना डेवलपर निर्बाध रूप से सौर परियोजना स्थापित कर सकते हैं।
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इस परियोजना की शुरुआत दिनांक 12.12.2014 को की गई थी। इस योजना के तहत वर्ष 2014-15 से पांच वर्ष के भीतर 20,000 मेगावाट सौर विद्युत स्थापित क्षमता का लक्ष्य रखते हुए कम-से-कम 25 सौर पार्क और अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना करने का प्रस्ताव था।
- योजना की क्षमता दिनांक 21.03.2017 को 20,000 मेगावाट से बढ़ाकर 40,000 मेगावाट कर दी गई। इन पार्कों को वर्ष 2025-26 तक स्थापित करने का प्रस्ताव है।
- योजना के तहत, सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए अपेक्षित अवसंरचना सृजित करने के उद्देश्य से देश के विभिन्न स्थानों में सौर पार्कों की स्थापना करने में राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों की सहायता करने की व्यवस्था है। सौर पार्कों में सभी स्वीकृतियों के साथ समुचित रूप से विकसित भूमि, पारेषण प्रणाली, जल की सुलभता, सड़क संपर्क, संचार नेटवर्क आदि उपलब्ध रहते हैं। योजना के तहत, बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन के लिए ग्रिड संबद्ध सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना में सुविधा प्रदान कर, उसमें तेजी लाई जाती है।
- सभी राज्य और संघ राज्य क्षेत्र इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।
- सौर पार्क की क्षमता 500 मेगावाट और उससे अधिक होगी। तथापि, छोटे-छोटे पार्कों पर भी विचार किया जा सकता है, जहां दुर्गम क्षेत्र को देखते हुए सटी हुई भूमि अधिग्रहित करना मुश्किल हो सकता है और जहां गैर-कृषि भूमि की बहुत कमी है।
- सौर पार्कों का विकास राज्य सरकारों और उनकी एजेंसियों, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी उद्यमियों के सहयोग से किया जाता है। कार्यान्वयन करने वाली एजेंसी को सौर विद्युत पार्क डेवलपर (एसपीपीडी) कहा जाता है। एसपीपीडी के चयन के लिए 8 मोड हैं।
सीएफए पैटर्न:
- योजना के तहत, मंत्रालय द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए प्रति सौर पार्क 25 लाख रु. तक की केन्द्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान की जाती है। इसके अलावा, ग्रिड-कनेक्टिविटी लागत सहित प्रति मेगावाट 20 लाख रु. या परियोजना लागत का 30 प्रतिशत तक सीएफए, इनमें से जो भी कम हो, योजना में निर्धारित उपलब्धियों की प्राप्ति पर भी प्रदान किया जाता है।
- एसपीपीडी के चयन के लिए विभिन्न मोड के तहत सीएफए की पात्रता नीचे दिए अनुसार है:
मोड | संक्षिप्त विवरण | सीएफए पैटर्न |
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मोड-1 |
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आंतरिक संरचना के विकास के लिए एसपीपीवी को 12 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत और बाहरी पारेषण अवसंरचना के निर्माण के लिए सीटीयू / एसटीयू को 8 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत। |
मोड-2 | राज्य द्वारा नामित नोडल एजेंसी की संयुक्त उद्यम कंपनी और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेकी)। | आंतरिक संरचना के विकास के लिए एसपीपीवी को 12 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत और बाहरी पारेषण अवसंरचना के निर्माण के लिए सीटीयू / एसटीयू को 8 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत। |
मोड-3 | राज्य, नोडल एजेंसी के रूप में सेकी को नामित करता है। | आंतरिक संरचना के विकास के लिए एसपीपीवी को 12 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत और बाहरी पारेषण अवसंरचना के निर्माण के लिए सीटीयू / एसटीयू को 8 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत। |
मोड-4 | (i) राज्य सरकार से इक्विटी भागीदारी के साथ / के बगैर निजी उद्यमी। | आंतरिक संरचना के विकास के लिए एसपीपीवी को 12 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत और बाहरी पारेषण अवसंरचना के निर्माण के लिए सीटीयू / एसटीयू को 8 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत। |
मोड-6 | एमएनआरई से किसी केन्द्रीय वित्तीय सहायता के बगैर निजी उद्यमी | कोई सीएफए नहीं। |
मोड-7 | अक्षय ऊर्जा पार्कों के लिए सेकी सौर विद्युत पार्क डेवलपर (एसपीपीडी) के रूप में कार्य करेगा। | केवल बाहरी पारेषण अवसंरचना के लिए 20 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत। |
मोड-8 | सीपीएसयू/राज्य पीएसयू/सरकारी संगठन/उनकी सहायक संस्था अथवा उपर्युक्त संगठन के संयुक्त उद्यम, एसपीपीडी के रूप में कार्य कर सकते हैं। | केवल आंतरिक अवसंरचना के लिए 20 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30 प्रतिशत। |
वित्तीय सहायता कैसे प्राप्त करें।
एमएनआरई/सेकी को प्रस्ताव प्रस्तुत कर। दिनांक 30.06.2023 की स्थिति के अनुसार, 12 राज्यों में 37,990 मेगावाट क्षमता स्वीकृत की गई है। अनुमोदित पार्क कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
स्थिति
दिनांक 30.06.2023 की स्थिति के अनुसार, 12 राज्यों में 37,990 मेगावाट क्षमता स्वीकृत की गई है। अनुमोदित पार्क कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
किनसे संपर्क करें
1. श्री दिलीप निगम, सलाहकार (एनएसएम), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
ई-मेल: dilipnigam@nic.in
2. प्रबंध निदेशक, सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी), प्रथम तल, डी-3, ए-विंग, प्रायस प्लेटिनम बिल्डिंग, डिस्ट्रिक्ट सेंटर, साकेत, नई दिल्ली-110017, दूरभाष: 011-71989201, फैक्स: 011-71989235, ई-मेल: md@seci.co.in
संबंधित कागजात
- सोलर पार्क योजना की समय-सीमा में विस्तार (16-06-2023)(900 kb, PDF)
- सोलर पार्क योजना के तहत सीएफए का विमोचन (09-06-2023)(1.5 mb, PDF)
- सौर पार्कों में शुल्क के लिए सुझाए गए मानक (12.11.2021)
- सौर पार्कों के पुनर्वास और पुनर्स्थापना (आर एंड आर) के संबंध में स्पष्टीकरण (26.03.2021)
- सौर पार्क योजना की समय-सीमा में विस्तार और कार्यान्वयन एजेंसी में संशोधन (02.03.2021)
- सौर पार्कों और अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं का विकास – समय सीमा विस्तार – के संबंध में (19,08,2020)
- सौर पार्कों और अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं का विकास” के लिए योजना में संशोधन – के संबंध में (15.06.2020)
- सौर पार्कों और अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं का विकास” के लिए योजना में संशोधन (19.07.2019)
- सौर विद्युत परियोजनाओं में जल के किफायती उपयोग के लिए एडवाइजरी – के संबंध में (03.06.2019)
- सौर पार्क योजना के तहत मोड-7 की शुरुआत (09.03.2019)
- सौर पार्क योजना की समय-सीमा और मोड-IV में संशोधन (05.02.2019)
- सौर पार्क योजना के तहत एसपीपीडी के मोड-5ए और मोड-6 में संशोधन (18.09.2018)
- सौर पार्क योजना की समय-सीमा में विस्तार (02.07.2018)
- एसपीपीडी के चयन में संशोधन (22.05.2018)
- सीटीयू-एसटीयू को केन्द्रीय वित्तीय सहायता जारी करने के लक्ष्यों में संशोधन (18.01.2018)
- सौर पार्क के लिए ईआईए को लागू करने संबंधी स्पष्टीकरण (14.08.2017)
- सेकी द्वारा पूलिंग स्टेशनों के लिए सामग्री प्राप्ति का सत्यापन (25.07.2017)
- डिस्कॉम के माध्यम से सौर पार्क में उत्पादित सौर विद्युत की कम-से-कम 20 प्रतिशत खरीद के संबंध में शुद्धिपत्र (19.06.2017)
- 20 गीगावाट से 40 गीगावाट तक सौर पार्क योजना की क्षमता वृद्धि के लिए योजना (21.03.2017)
- केन्द्रीय वित्तीय सहायता का नियतन (29.09.2016)
- सौर पार्क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विषय-वस्तु की मानक सारणी (उल्लिखित नहीं)
- नए सौर पार्कों के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का प्रपत्र (उल्लिखित नहीं)
- सौर पार्क – अल्ट्रा मेगा सौर-विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए योजना (12.12.2014)