उद्देश्य
- स्वच्छ खाना पकाने के लिए ईंधन, प्रकाश, तापीय एवं उपभोक्ताओं की छोटी विद्युत जरूरतों को पूरा करने के लिए बायोगैस संयंत्र की स्थापना करना जिसके परिणामस्वरूप जीएचजी में कमी आती है, सफाई में सुधार, नारी सशक्तिकरण एवं ग्रामीण रोजगार का सृजन होता है।
- जैविक समृद्ध जैव खाद के उत्पादन के लिए: बायोगैस संयंत्र से निकला डाइजेस्टड स्लरी, जो खाद का एक समृद्ध स्रोत है, इससे किसानों को रासायनिक उर्वरक के स्थान पर उपयोग करने अथवा रासायनिक उर्वरक उपयोग में कमी लाने में किसानों को लाभ होगा।
- 3 किलोवाट से 250 किलोवाट क्षमता श्रेणी के बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन (ऑफ-ग्रिड) के विकेंद्रीकृत अक्षय ऊर्जा स्रोतों या 25 घन मीटर से 2500 घन मीटर आकार से अधिक के बायोगैस संयंत्र से उत्पादित बायोगैस उत्पादन से तापीय/शीतलन अनुप्रयोगों के लिए तापीय ऊर्जा को बढ़ावा देना।
अवधि
वर्ष 2021-22 से 2025-26
प्रमुख विशेषताएं
- वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही बायोगैस कार्यक्रम के तहत एमएनआरई द्वारा सभी राज्य क्रियान्वयन एजेंसियों को लघु बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए वार्षिक लक्ष्यों का आवंटन।
- लघु बायोगैस संयंत्रों को प्रतिपूर्ति के आधार पर नामित एसएनडी, पीआईए अर्थात राज्य ग्रामीण विकास विभाग/राज्य नोडल एजेंसियां और केवीआईसी, मुम्बई को वार्षिक आवंटित लक्ष्यों के लिए तिमाही आधार पर निधियां जारी करना।
- पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी राज्यों, लघु बायोगैस संयंत्रों के एससी और एसटी श्रेणी के लाभार्थियों के लिए बढ़ी हुई सीएफए सहायता।
- पशु गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र यदि शौचालय से जुड़े होने पर , केवल व्यक्तिगत घरों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी और बायोगैस स्लरी फिल्टर यूनिट (1600 रु/- प्रति बायोगैस संयंत्र) का प्रावधान।
- 10 से 25 घन मीटर वाले बायोगैस संयंत्रों से लघु कृषि विद्युत की आवश्यकताओं को पूरा करने और जल पंपिग के लिए बायोगैस आधारित प्रति जेनरेटर सेट/बायोगैस ईंजन जल पंपिंग प्रणाली (बीपीए) के लिए 10,000 रु. की अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन।
- 100 प्रतिशत वास्तविक सत्यापन और सैंपल ग्राम-वार बायोगैस संयंत्र निगरानी तंत्र का प्रावधान।
- पूर्वोत्तर राज्यों, द्वीपों, पंजीकृत गौशालाओं, एससी/एसटी लाभार्थी के मध्यम आकार के बायोगैस संयंत्रों के लिए 20 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी के विशेष प्रोत्साहन।
- देश भर में स्थित 8 बायोगैस विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र (बीडीटीसी) राज्य कार्यक्रम क्रियान्वयन एजेंसियों को तकनीक एवं प्रशिक्षण क्षेत्र निरीक्षण और सूचना तथा प्रचार में सहायता प्रदान कर रहे हैं।
- योजना के तहत, ज्ञान प्रदान करने एवं कौशल विकास करने, बायोगैस संयंत्रों के अनुमोदित मोडलों के निर्माण, स्थापना, चालू एवं रखरखाव करने, कुशल बायोगैस राजमिस्री और तकनीशियन का कैडर बनाने हेतु, विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे निर्माण-सह-रखरखाव, रिफ्रेशर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, उपभोक्ता के लिए पाठ्यक्रम, बायोगैस टर्न-की कामगार पाठ्यक्रम, स्टॉफ प्रशिक्षण पाठ्यक्रम एवं कौशल विकास पाठ्यक्रम डिजाइन किए गए हैं।
- (i) दीनबंधु फ़िक्स्ड डोम मोडल, (ii) केवीआईसी के फ्लोटिंग डोम डिज़ाइन; और (iii) केवीआईसी फ्लोटिंग ड्रम के साथ प्रि-फेब्रिकेटेड रि-इन्फोर्स्ड़ सीमेंट कोंकरीट (आरसीसी) डाइजैस्टर (iv) फ्लेक्सिबेग टाइप बायोगैस संयंत्र जैसे विभिन्न प्रकार के बायोगॅस संयंत्र मॉडेल उपलब्ध हैं।
- योजना के तहत समग्र प्रदर्शन और आवंटित उच्चतम वार्षिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एसआरडीडी और केवीआईसी के राज्य कार्यालय एमएनआरई द्वारा को प्रेरणा एवं प्रशंसा।
केंद्रीय वित्तीय सहायता पैटर्न
इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न घटकों के लिए प्रदान की जा रही केन्द्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) का ब्योरा इस प्रकार है:
- लघु बायोगैस संयंत्रों (1 – 25 घन मीटर प्रति दिन संयंत्र क्षमता) के लिए: घन मीटर में संयंत्र के आकार के आधार पर प्रति संयंत्र 9800 रु. से लेकर 70400 रु
- विद्युत उत्पादन और तापीय अनुप्रयोग (25 – 2500 घन मीटर प्रति दिन संयंत्र क्षमता) के लिए: विद्युत उत्पादन के लिए प्रति किलोवाट 35000 रु. से 45000 रु. और तापीय अनुप्रयोग (25 – 2500 घन मीटर प्रति दिन संयंत्र क्षमता) के लिए 17500 रुपये से 22500 रुपये प्रति किलोवाट समतुल्य (पात्र सीएफए पूर्वोत्तर क्षेत्र, द्वीपसमूह, पंजीकृत गौशालाओं और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों के लिए मानक सीएफए से 20% अधिक होगी)
वित्तीय सहायता कैसे प्राप्त करें
परियोजना के सभी मायनों में सफल निर्माण एवं चालू होने के बाद, प्रतिपूर्ति आधार पर सीएफए प्राप्त किया जा सकता है। केन्द्रीय वित्तीय सहायता, लाभार्थी के बैंक खाते में जारी की जाएगी।
किनसे संपर्क करें
- इच्छुक उपयोगकर्ता / लाभार्थी, लघु एवं माध्यम आकार के बायोगैस संयंत्रों के लिए अपनी अभिरुचि दर्ज कर सकते हैं और बायोगैस पोर्टल (http://biogas.mnre.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- 25 घन मीटर से 2500 घन मीटर आकार के बायोगैस संयंत्रों के लिए एमएनआरई की प्रशासनिक स्वीकृति के लिए योजना के अनुसार, नामित राज्य कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से बायोगैस पोर्टल पर प्रस्तुत करने होते हैं। यह योजना राज्यों के कृषि एवं ग्रामीण विकास विभागों और डेयरी सहकारी समितियों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
- यह कार्यक्रम, राज्यों के कृषि एवं ग्रामीण विकास विभागों और राज्यों में डेयरी सहकारी समितियों तथा राज्य अक्षय ऊर्जा एजेंसियों (एसएनए), बायोगैस विकास एवं प्रशिक्षण केन्द्रों (बीडीटीसी), खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग (केवीआईसी) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
संबंधित दस्तावेज
- वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान छोटे बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए वार्षिक भौतिक लक्ष्यों का आवंटन (1 एमबी, पीडीएफ)
- वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान बायोगैस कार्यक्रम के तहत छोटे बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए भौतिक लक्ष्यों का आवंटन(6 एमबी, पीडीएफ)
- वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान बायोगैस कार्यक्रम के तहत छोटे बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए भौतिक लक्ष्यों का आवंटन- चरण- II(978 केबी, पीडीएफ)
- बायोगैस कार्यक्रम दिशानिर्देश(5 एमबी, पीडीएफ)
- अनुलग्नकों की सूची(5 एमबी, पीडीएफ)
- वर्ष 2020-21 के दौरान वर्तमान लोक वित्त पोषित केन्द्रीय क्षेत्र योजना, “बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन (ऑफ-ग्रिड और तापीय ऊर्जा अनुप्रयोग कार्यक्रम (बीपीजीटीपी) को जारी रखना/विस्तार करना)” (11-06-2020)(9 एमबी, पीडीएफ)
- वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान केन्द्रीय क्षेत्र योजना, बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन और तापीय अनुप्रयोग कार्यक्रम (बीपीजीटीपी) के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक स्वीकृति सह दिशानिर्देश (दिनांक 29-11-2018)(8 एमबी, पीडीएफ)