पवन विद्युत के लिए टेक्नॉलॉजी विकास एवं निर्माण आधार
देश में पवन टर्बाइन जेनरेटर प्रौद्योगिकी का विकास हुआ है और पवन टर्बाइन के निर्माण के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां उपलब्ध हैं। पवन क्षेत्र में सुदृढ़ स्वदेशी निर्माण के साथ लगभग 70-80% स्वदेशीकरण हासिल किया गया है। इस क्षेत्र में विश्व के सभी प्रमुख सेवाप्रदाताओं ने (i) लाइसेंस युक्त उत्पादन के तहत संयुक्त उद्यम, (ii) विदेशी कंपनियों की सहायक कंपनियों और (iii) अपनी प्रौद्योगिकियों वाली भारतीय कंपनियों के माध्यम से लगभग 14 विभिन्न कंपनियां देश में मौजूद हैं। मशीनों का यूनिट आकार बढ़कर 5.2 मेगावाट हो गया है। स्वदेशी पवन टर्बाइन की वर्तमान वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 18000 मेगावाट है।
मॉडलों एवं निर्माताओं की संशोधित सूची (आरएलएमएम)
मॉडलों एवं निर्माताओं की संशोधित सूची, देश में स्थापना के लिए पात्र प्रकार और गुणवत्ता प्रमाणित पवन टर्बाइन मॉडलों की सूची है ताकि एसएनए, निवेशकों, ऋणदाताओं और डेवलपरों को सुविधा प्रदान की जा सके। यह सूची इस मंत्रालय के दिनांक 22 अक्टूबर, 2016 की फाइल संख्या 66/183/2016- डब्ल्यूई के तहत तटीय पवन विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए जारी दिशानिर्देशों के अनुसार भारत में पवन टर्बाइनों का प्रकार प्रमाणीकरण और गुणवत्ता सुनिश्चयन के प्रावधान पर आधारित है। उक्त दिशानिर्देशों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राधिकृत प्रमाणीकरण निकाय द्वारा प्रकार एवं गुणवत्ता
प्रमाणीकरण पवन टर्बाइनों एवं कंपोनेंटों के निर्माताओं के लिए अनिवार्य आवश्यकता होगा और दोनों प्रमाणीकरणों में भारत में हब और नेशल एसेंबली / निर्माण सुविधा अनिवार्य रूप से शामिल होगी।
रियायती सीमा शुल्क प्रमाणपत्र (सीसीडीसी)
भारत में पवन टर्बाइन जनरेटरों (डब्ल्यूटीजी) के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार डब्ल्यूटीजी के निर्माण के लिए आयात किए जाने वाले कुछ अपेक्षित महत्वपूर्ण कंपोनेंटों पर रियायती सीमा शुल्क पर छूट के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।
वित्त मंत्रालय ने अपने दिनांक 01.02.2022 की अधिसूचना संख्या 02/2022 सीमा शुल्क के तहत दिनांक 31.03.2023 तक रियायती सीमा शुल्क के लाभ की व्यवस्था की है। जिसे ओईएम तथा कंपोनेंट निर्माताओं के लिए एमएनआरई की आरएलएमएम सूची में शामिल किए गए हैं, जिनके सामग्री के बिल (पुर्जे/कच्ची सामग्रियों के लिए आहरण संख्या, अपेक्षित मात्रा तथा आपूर्तिकर्ता को दर्शाते हुए) मंत्रालय द्वारा स्वीकार किए जाते हैं। रियायती सीमा शुल्क प्रमाणपत्र (सीसीडीसी) के लिए पात्र हैं। सीसीडीसी प्राप्त करने की क्रिया नीचे दी गई है।
आवेदन प्रक्रिया:
1. आवेदकों को ऑनलाइन पोर्टल पता ccdcwind.gov.in: Prescribed format (802 KB, PDF) पर रियायती सीमा शुल्क प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए निर्धारित फॉर्मेट में आवेदन करना होता है।
2. आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों को प्रस्तुत / अपलोड करने की आवश्यकता होती है:-
- आपूर्तिकर्ता द्वारा आयातकर्ता के नाम पर जारी किया गया वाणिज्यिक इनवाइस
- बिल ऑफ लेडिंग
- पैकेजिंग सूची
- आईसी एवं आईएसओ प्रमाण-पत्र
- अनुलग्नक-क एवं अनुलग्नक-ख में वचन पत्र
- दिए गए खरीद आदेश में से अब तक की गई खरीद का ब्यौरा
- निर्धारित फॉर्मेट में प्रत्येक आवेदन के साथ कार्यशील उपयोग प्रमाण पत्र
- प्रत्येक तिमाही के अंत में निर्धारित फॉर्मेट में तिमाही उपयोग रिपोर्ट
- निर्धारित फॉर्मेट में लागू वित्त वर्ष के लिए निर्माण योजना।
3.अपेक्षित दस्तावेजों के साथ सीसीडीसी प्राप्त करने के लिए आवेदन पर कार्रवाई की जाती है और सीसीडीसी जारी करने के लिए जाँच की जाती है।
4.अपेक्षित दस्तावेजों के साथ सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के बाद सीसीडीसी जारी करने की समय-सीमा जल मार्ग के माध्यम से खेप के लिए 9 दिन और वायु मार्ग के लिए 3 दिन है।
आवेदन जमा करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है और इसे http://ccdcwind.gov.in/ पर देखा जा सकता है।