Close

    राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

    व्‍यापक उद्देश्‍य

    “भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेरि‍वेटिव्‍स के उत्‍पादन, उपयोग और निर्यात का ग्‍लोबल हब बनाना। यह स्‍वच्‍छ ऊर्जा के माध्‍यम से आत्‍मनि‍र्भर बनने के भारत के लक्ष्‍य में योगदान देगा और वैश्‍विक स्‍वच्‍छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए प्रेरणा के रूप में काम करेगा। मिशन, अर्थव्‍यवस्‍था को कार्बनमुक्‍त बनाने, फॉसिल ईंधन के आयात पर निर्भरता में कमी लाने और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में टेक्‍नोलॉजी अपनाने तथा बाजार में नेतृत्‍व हासिल करने में महत्‍वपूर्ण योगदान देगा।”

    मांग सृजन

    मांग सृजन

    निर्यात: मिशन, सहायक नीत‍ियों और रणनीत‍िक भागीदारियों के माध्‍यम से निर्यात के अवसरों को सुविधाजनक बनाएगा।

    स्‍वदेशी मांग: भारत सरकार, नामित उपभोक्‍ताओं द्वारा ऊर्जा या फीडस्‍टॉक के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन अथवा ग्रीन अमोनिया, ग्रीन मेथनॉल आद‍ि जैसे डेरिवेट‍िव उत्‍पादों की खपत का न्‍यूनतम हिस्‍सा व‍िनि‍र्दि‍ष्‍ट करेगी। उपभोग के ऐसे न्‍यूनतम हिस्‍से की वर्ष-वार ट्रेजेक्‍टरी अधिकार संपन्‍न समूह (ईजी) द्वारा तय की जाएगी।

    प्रतिस्‍पर्धी बोली: प्रतिस्‍पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्‍यम से मांग समेकन और ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया की खरीद की जाएगी।

    प्रमाणीकरण व्‍यवस्‍था: एमएनआरई द्वारा अक्षय ऊर्जा स्रोतों से उत्‍पादि‍त ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेर‍िवेटिव्‍स के प्रमाणीकरण के लिए उपयुक्‍त नि‍यामक व्‍यवस्‍था भी तैयार की जाएगी।

    ग्रीन हाइड्रोजन पर‍िवर्तन के लिए रणनीति‍क उपाय (साइट)

    ग्रीन हाइड्रोजन पर‍िवर्तन के लिए रणनीति‍क उपाय (साइट)

    आरंभ‍िक चरण में वर्ष 2029-30 तक 17,490 करोड़ रुपए के परि‍व्‍यय के साथ दो अलग-अलग वि‍त्‍तीय प्रोत्‍साहन व्‍यवस्‍था का प्रस्‍ताव किया गया।

    • इलेक्‍ट्रोलाइजरों के निर्माण के लिए प्रोत्‍साहन
    • ग्रीन हाइड्रोजन के उत्‍पादन के लिए प्रोत्‍साहन

    बाजार और टेक्‍नोलॉजी वि‍कास के अनुसार, जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ेगा, वि‍शेष प्रोत्‍साहन योजनाएं और कार्यक्रम बनाए जाते रहेंगे।

    o उपकरण की गुणवत्‍ता एवं प्रदर्शन सुनिश्‍चित करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेर‍िवेटिव की खरीद के लिए प्रति‍स्‍पर्धी बोली में भागीदारी हेतु पात्रता मानदंड में यह वि‍निर्दिष्‍ट रहेगा क‍ि परियोजना में विनिर्दिष्‍ट गुणवत्‍ता एवं प्रदर्शन मानदंड के अनुसार, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित उपकरण का अवश्‍य उपयोग हो।

    अग्रगामी परियोजनाएं

    अग्रगामी परियोजनाएं

    कम कार्बनयुक्‍त इस्‍पात वाली परियोजनाओं के लिए वर्ष 2029-30 तक 455 करोड़ रुपए का परिव्‍यय

    मोबिलि‍टी पाइलट परियोजनाओं के लिए वर्ष 2025-26 तक 496 करोड़ रुपए का परिव्‍यय

    शिपिंग पाइलट परियोजनाओं के लिए वर्ष 2025-26 तक 115 करोड़ रुपए का परिव्‍यय

    लक्ष्‍य के अन्‍य क्षेत्रों में शामि‍ल हैं: विकेन्‍द्रीकृत ऊर्जा अनुप्रयोग, बायोमास से हाइड्रोजन उत्‍पादन, हाइड्रोजन भंडारण

    ग्रीन हाइड्रोजन हब्‍स

    ग्रीन हाइड्रोजन हब्‍स

    मिशन के तहत, हाइड्रोजन के व्‍यापक उत्‍पादन और / अथवा उपयोग में सहायक क्षेत्रों को ग्रीन हाइड्रोजन हब के रूप में च‍िन्‍हि‍त एवं विकसित किया जाएगा।

    मिशन के तहत, ऐसे हब के लिए आवश्‍यक अवसंरचना विकास में सहायता दी जाएगी।

    आरंभि‍क चरण में, कम-से-कम दो ऐसे ग्रीन हाइड्रोजन हब स्‍थापि‍त करने की योजना है।

    हब एवं अन्‍य परियोजनाओं के लिए वर्ष 2025-26 तक 400 करोड़ रुपए का परि‍व्‍यय।

    समर्थकारी नीतिगत व्‍यवस्‍था

    ग्रीन हाइड्रोजन उत्‍पादन के लिए अक्षय ऊर्जा की डि‍लीवरी को सुविधाजनक बनाने के लि‍ए विभि‍न्‍न ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं हेतु नीत‍िगत प्रावधानों में अन्‍य के साथ-साथ ग्रीन हाइड्रोजन उत्‍पादन के लि‍ए उपयोग की गई अक्षय ऊर्जा हेतु अंतर-राज्‍य पारेषण शुल्‍कों को माफ करना, अक्षय ऊर्जा भंडारण में सुव‍िधा प्रदान करना, समयबद्ध खुली पहुंच और कनेक्टिविटी प्रदान करना शामिल होगा।

    अवसंरचना विकास

    राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग में तेजी लाना है, के तहत उन आपूर्ति श्रृंखला के विकास में सहायता की जाएगी जो हाइड्रोजन का दक्षतापूर्वक परिवहन एवं वितरण कर सकता है। इसमें निर्यात के साथ-साथ स्वदेशी उपभोग के लिए पाइपलाइनों, टैंकरों, मध्यस्तरीय भंडारण सुविधाओं एवं अंतिम सिरे तक वितरण नेटवर्कों का उपयोग शामिल है।

    व‍िनियम एवं मानक

    मिशन के तहत उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार विनियमों एवं मानकों के विकास के लिए विभिन्न प्रयासों का समन्वय किया जाएगा।

    अनुसंधान एवं विकास

    मिशन के तहत आर एंड डी के लिए सार्वजनिक – निजी साझेदारी व्यवस्था (स्ट्रेटेजिक हाइड्रोजन इनोवेशन पार्टनरशिप – शिप) को सुविधाजनक बनाया जाएगा। इस व्यवस्था के लिए उद्योग एवं संबंधित सरकारी संस्थाओं से अंशदान से समर्पित आर एंड डी निधि बनाने की आवश्यकता होगी। ये संस्थाएं निजी क्षेत्र के सहयोग से व्यापक लक्ष्योन्मुख अनुसंधान एवं नवोन्मेष कार्यक्रम बनाने के लिए संसाधन जुटाएंगी।

    कौशल विकास

    कौशल विकास एवं उद्यमि‍ता मंत्रालय के समन्‍वय से समन्‍व‍ित कौशल व‍िकास कार्यक्रम, जिसमें विभ‍िन्‍न खंडों में आवश्‍यकताएं शामिल हैं, शुरु किया जाएगा।

    अन्‍य घटक

    उपर्युक्‍त के अतिरिक्‍त, मिशन के तहत जन जागरुकता, हितधारक तक पहुंच और अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग भी शामि‍ल होंगे।

    म‍िशन की शासन संरचना

    मंत्रिमंडल सचिव की अध्‍यक्षता में भारत सरकार के सचिवों और उद्योग के विशेषज्ञों से बने अधिकार प्राप्‍त समूह (ईजी) म‍िशन का मार्गदर्शन करेंगे, पीएसए की अध्‍यक्षता में विशेषज्ञों से बने एडवाइजरी ग्रुप, ईजी को वैज्ञानिक एवं टेक्‍नोलॉजी के मामलों के बारे में सलाह देंगे और एमएनआरई स्‍थ‍ित मिशन सचि‍वालय कार्यक्रम कार्यान्‍वयन का संचालन करेगा।

    मिशन का परिव्‍यय

    मिशन के लिए आरंभि‍क परिव्‍यय 19,744 करोड़ रुपए होगा, जिसमें साइट कार्यक्रम के लि‍ए 17,490 करोड़ रुपए, अग्रगामी (पाइलट) परियोजनाओं के लि‍ए 1466 करोड़ रुपए, आर एंड डी के लि‍ए 400 करोड़ रुपए, मिशन के अन्‍य घटकों के लिए 388 करोड़ रुपए शामि‍ल है। एमएनआरई द्वारा संबंधि‍त घटकों के कार्यान्‍वयन के लि‍ए योजना दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे।

    राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के परिणाम
    राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन
    शीर्षक दिनांक देखें/डाउनलोड
    राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 23/01/2023 देखें(633 KB)
    पहुँच योग्य संस्करण : देखें(633 KB)