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    बायो मास कार्यक्रम

    ब्रिकेट एवं पैलेट के निर्माण में सहायता और उद्योगों में बायोमास (गैर-खोई) आधारित सह-उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना

    उद्देश्य

    बायोमास कार्यक्रम का उद्देश्य देश में बायोमास ब्रीकेट/पैलेट निर्माण संयंत्रों की स्थापना और उद्योगो में बायोमास (गैर-खोई) आधारित सह-उत्पादन परियोजनाओं में सहायता करना है।

    अवधि

    वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक

    मुख्य विशेषताएं

    • यह कार्यक्रम परियोजना डेवलपरों को केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) और क्रियान्वयन एजेंसी एवं निरीक्षण एजेंसियों को उद्योग में ब्रीकेट/पैलेट निर्माण संयंत्रों एवं बायोमास (गैर-खोई) सह-उत्पादन परियोजनाओं की स्थापना के लिए सेवा शुल्क प्रदान करता है।
    • कार्यक्रम के तहत उपलब्ध वित्तीय सहायता इस प्रकार है:
      1. ब्रीकेट/पैलेट निर्माण संयंत्र: 9 लाख रुपए प्रति एमटीपीएच (मिट्रिक टन/घंटा) निर्माण क्षमता (प्रति संयंत्र 45 लाख रुपए का अधिकतम सीएफए)
      2. बायोमास (गैर-खोई) सह उत्पादन परियोजनाएं: 40 लाख रुपए/मेगावाट (स्थापित क्षमता पर) (प्रति परियोजना 5 करोड़ रु. का अधिकतम सीएफए)
    • केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
    • इस कार्यक्रम के तहत, स्व-वित्त पोषित परियोजनाएं भी केंद्रीय वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगी।
    • बायोमास परियोजनाओं के लिए एससीएडीए प्रणाली/दूरस्थ निगरानी प्रणाली को अनिवार्य बनाया गया है।
    • इस कार्यक्रम के तहत केवल नए उपकरणों/मशीनरी वाले स्थापित संयंत्र ही सीएफए के पात्र होंगे।
    • बायोमास परियोजनाओं के लिए कार्य-निष्पादन निरीक्षण एजेंसी है:
      1. ब्रीकेट/पैलेट निर्माण संयंत्र के लिए:-
        1. अक्षय ऊर्जा (एसएनए) के संबंधित राज्य नोडल एजेंसियां; या
        2. सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान (एसएसएस-नीबे)
      2. बायोमास (गैर-खोई) सह-उत्पादन परियोजनाओं के लिए: संबंधित राज्य नोडल एजेंसी (एसएनए) और सरदार स्वर्ण सिंह राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान (एसएसएस–नीबे)

    वित्तीय सहायता कैसे प्राप्त करें?

    • सीएफए के लिए “सैद्धांतिक” अनुमोदन प्राप्त करने का प्रस्ताव बायोमास संयंत्र के चालू होने के पहले बायो-ऊर्जा पोर्टल (https://biourja.mnre.gov.in) के माध्यम से स्वीकार किया जाएगा।
    • वित्तीय संस्थाओं/बैंकों से कर्ज/ऋण वाली परियोजनाओं के लिए, मंत्रालय आईएफडी की सहमति और सचिव (एमएनआरई) के अनुमोदन से “सैद्धांतिक” अनुमति जारी करेगा।
    • बगैर कर्ज/ऋण की परियोजनाएं और ऐसी परियोजनाएं जिनकी जाँच कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा की जाएगी और परियोजना मूल्यांकन समिति (पीएसी) के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद मंत्रालय आईएफडी की सहमति से और सचिव एमएनआरई के अनुमोदन से सैद्धांतिक अनुमोदन जारी करेगा।
    • सैद्धांतिक अनुमोदन की तिथि से चालू करने की समायावधि ब्रीकेट/पैलेट निर्माण संयंत्र के लिए 12 माह और बायोमास (गैर-खोई) सह-उत्पादन संयंत्रों के लिए 24 माह है।

    किनसे संपर्क करें

    (श्री विक्रम ढाका, बायोमास प्रभाग)
    ईमेल: vikram.mnre@gov.in

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