ऑफ-ग्रिड सौर पीवी कार्यक्रम संबंधी संक्षिप्त विवरण
ऑफ-ग्रिड सौर पीवी अनुप्रयोग कार्यक्रम मंत्रालय के सबसे पुराने कार्यक्रमों में से एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य उन क्षेत्रों में ग्रिड विद्युत या तो उपलब्ध नहीं है या भरोसेमंद नहीं है, सौर पीवी आधारित अनुप्रयोग उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम के तहत सोलर होम लाइटिंग सिस्टम्स, सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम्स, सौर विद्युत संयंत्र, सौर पंप, सोलर लेंटर्न और सोलर स्टडी लैंप जैसे अनुप्रयोग शामिल किए गए हैं।
राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत, ऑफ ग्रिड सौर पीवी अनुप्रयोगों के लिए 2000 मेगावाट पीक का लक्ष्य रखा गया। वर्ष 2010 से 2013 तक मिशन के चरण-I के तहत 200 मेगावाट पीक का लक्ष्य रखा गया, जिसमें से 253 मेगावाट पीक स्वीकृत किया गया और वर्ष 2013 से 2017 तक चरण-II के तहत 500 मेगावाट पीक का लक्ष्य रखा गया, जिसमें से 713 मेगावाट पीक स्वीकृत किया गया है। ऑफ ग्रिड एवं विकेन्द्रीकृत सौर पीवी अनुप्रयोग कार्यक्रम के चरण-III के तहत सौर पंपों को छोड़कर 118 मेगावाट का लक्ष्य रखा गया है, जिन्हें पीएम-कुसुम योजना के तहत स्थापित किया जाना है और सोलर होम लाइट, जिन्हें विद्युत मंत्रालय की ‘सौभाग्य’ योजना के तहत संचालित किया जा रहा है।
ऑफ ग्रिड एवं विकेन्द्रीकृत सौर पीवी अनुप्रयोग कार्यक्रम के तहत स्थापना की अनुप्रयोग-वार स्थिति नीचे दी गई है:
विवरण | यूनिटों की संख्या / स्थापित क्षमता |
---|---|
सोलर लैंप / लैंटर्न | 65,17,180 |
सौर पंप | 2,37,120 |
सोलर स्ट्रीट लाइट | 6,71,832 |
सोलर होम लाइटिंग सिस्टम | 17,15,639 |
सोलर पावर संयंत्र/पैक | 212 मेगावाट पीक |
सौर पंप, सौर ऑफ-ग्रिड कार्यक्रम का महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह देश के ग्रामीण / दूरस्थ क्षेत्रों में भरोसेमंद सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराता है। सौर फोटोवोल्टेक जल पंपिंग प्रणाली लघु एवं सीमांत किसानों की सिंचाई आवश्यकताओं की आसानी से पूर्ति हो सकती है। इसलिए, सिंचाई के लिए उपयोग किये जाने वाले मौजूदा डीजल पंप के स्थान पर सौर पंपों की स्थापना की जा रही है।