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    (सीपीएसयू) योजना चरण- II

    सीधे या वितरण कंपनियों (डिस्कॉमों) के माध्यम से सरकार द्वारा स्वयं के उपयोग / सरकारी संस्थाओं द्वारा उपयोग के लिए व्यवहार्यता अंतराल निधिकरण (वीजीएफ) सहायता के साथ सरकारी उत्पादकों द्वारा 12,000 मेगावाट ग्रिड-संबद्ध सौर फोटोवोल्टेक (पीवी) विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसयू) योजना चरण-II (सरकारी उत्पादक योजना)

    उद्देश्य

    सौर विद्युत परियोजनाएं देश में कहीं भी स्थापित की जा सकती हैं। तथापि, छुट-पुट तरीके से विकसित की गई सौर विद्युत परियोजनाओं से प्रति मेगावाट अधिक परियोजना लागत आती है और अधिक पारेषण हानियां होती हैं। छोटी-छोटी क्षमता की अलग-अलग परियोजनाओं में स्थल विकास, निकटतम सब-स्टेशन तक अलग पारेषण लाइनें बिछाने, जल की खरीद करने और अन्य आवश्यक अवसंरचना तैयार करने में काफी खर्च होता है। इसमें भी भूमि अधिगृहित करने, सभी प्रकार की स्वीकृतियां एवं अनुमतियां प्राप्त करने में परियोजना डेवलपरों को अधिक समय लगता है, जिससे अंत में परियाजना में देरी होत है। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए दिसम्बर, 2014 में “सौर पार्क एवं अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं का विकास” नामक योजना शुरु की गई, जिसका उद्देश्य सौर परियोजना डेवलपरों को परियोजना तेजी से स्थापित करने में सुविधा प्रदान करना था।

    अवधि

    वर्ष 2023-24 तक

    मुख्य विशेषताएं

    • सौर पार्क सभी सांविधिक स्वीकृतियों के साथ पारेषण अवसंरचना, सड़क, जल, नाला, संचार नेटवर्क आदि जैसी सामान्य अवसंरचनात्मक सुविधाओं के साथ विकसित बड़ा भूखंड होता है। इस प्रकार, सौर परियोजना डेवलपर बाधा मुक्त तरीके से सौर परियोजनाएं स्थापित कर सकते हैं।
    • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा यह योजना दिनांक12.2014 को शुरु की गई। योजना के तहत, वर्ष 2014-15 से 5 वर्षों की अवधि में 20000 मेगावाट सौर विद्युत स्थापित क्षमता का लक्ष्य रखते हुए, कम-से-कम 25 सौर पार्क और अल्ट्रा मेगा सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना का प्रस्ताव था।
    • दिनांक03.2017 को योजना की क्षमता 20000 मेगावाट से बढ़ाकर 40000 मेगावाट कर दी गई। इन पार्कों को वर्ष 2023-24 तक स्थापित करने का प्रस्ताव था।
    • योजना के तहत, देश में विभिन्न स्थानों में सौर पार्कों की स्थापना में राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता करने की व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए अपेक्षित अवसंरचना तैयार करना है। ये सौर पार्क सभी मंजूरियों के साथ उचित रूप से विकसित भूखंड, पारेषण प्रणाली, जल सुलभता, सड़क संपर्क, संचार नेटवर्क आदि उपलब्ध कराते हैं। योजना के तहत, बड़े स्तर पर विद्युत उत्पादन के लिए ग्रिड-संबद्ध सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना में सुविधा और गति प्रदान की जाती है।
    • योजना के तहत, सभी राज्य / संघ राज्य क्षेत्र लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।
    • सौर पार्क की क्षमता 500 मेगावाट और इससे अधिक होगी। तथापि, जहां दुर्गम क्षेत्र को देखते हुए सटी हुई भूमि अधिग्रहित करना मुश्किल हो सकता है और जहां गैर-कृषि भूमि की भारी कमी है, छोटे-छोटे पार्कों पर विचार किया जा सकता है।
    • सौर पार्क, राज्य सरकारों और उनकी एजेंसियों, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं निजी उद्यमियों के सहयोग से विकसित किए जाते हैं। कार्यान्वयन एजेंसी को सौर विद्युत पार्क डेवलपर (एसपीपीडी) कहा जाता है। सौर विद्युत पार्क डेवलपरों के चयन के लिए 7 मोड हैं।

    सीएफए पैटर्न

    • योजना के तहत, मंत्रालय द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए प्रति सौर पार्क 25 लाख रु. तक की केन्द्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) दी जाती है। इसके अतिरिक्त, प्रति मेगावाट 20 लाख रु. अथवा ग्रिड संबद्धता लागत सहित परियोजना लागत के 30% तक की केन्द्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) भी, इनमें से जो भी कम हो, योजना में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने पर प्रदान की जाती है।
    • एसपीपीडी के चयन के लिए विभिन्न मोड और विभिन्न मोड के तहत सीएफए की पात्रता नीचे दिए अनुसार है:
    मोड संक्षिप्त विवरण सीएफए पैटर्न
    मोड-1 राज्य नामित नोडल एजेंसी अथवा राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) अथवा राज्य सरकार के विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) आंतरिक अवसंरचना के निर्माण के लिए एसपीपीडी को प्रति मेगावाट 12 लाख रु. अथवा परियोजना लागत का 30% और बाहरी पारेषण अवसंरचना के निर्माण के लिए सीटीयू / एसटीयू को प्रति मेगावाट 8 लाख रु. अथवा परियोजना लागत का 30%
    मोड-2 राज्य नामित नोडल एजेंसी की संयुक्त उद्यम कंपनी और सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेकी)
    मोड-3 राज्य द्वारा नोडल एजेंसी के रूप में सेकी को नामित किया जाता है
    मोड-4 राज्य सरकार की इक्विटी भागीदारी के साथ / के बगैर निजी उद्यमी
    मोड-5 केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसयू) जैसे सेकी, एनटीपीसी आदि
    मोड-6 एमएनआरई से किसी केन्द्रीय वित्तीय सहायता के बिना निजी उद्यमी कोई सीएफए नहीं
    मोड-7 सेकी द्वारा अक्षय ऊर्जा पार्कों के लिए सौर विद्युत पार्क डेवलपर के रूप में कार्य किया जाएगा बाहरी पारेषण अवसंरचना के निर्माण के लिए 20 लाख रु. प्रति मेगावाट अथवा परियोजना लागत का 30%
    मोड-8 सीपीएसयू / राज्य पीएसयू / सरकारी संगठन / उनकी सहायक कंपनियां अथवा उपर्युक्त संस्थाओं के संयुक्त उद्यम एसपीपीडी के रूप में कार्य कर सकते हैं। केवल आंतरिक अवसंरचना के निर्माण के लिए प्रति मेगावाट 20 लाख रु. अथवा परियोजना लागत का 30%

     

    वित्तीय सहायता कैसे प्राप्त करें?

    एमएनआरई / सेकी को प्रस्ताव प्रस्तुत करके। दिनांक 30.11.2022 की स्थिति के अनुसार, 13 राज्यों में 39285 मेगावाट क्षमता स्वीकृत की गई है। अनुमोदित पार्क, कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

    किनसे संपर्क करें

    1. सलाहकार (एनएसएम), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, ई-मेल: dilipnigam@nic.in
    2. प्रबंध निदेशक, सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी), 6ठा तल, प्लेट-बी, एनबीसीसी ऑफिस ब्लॉक टावर –II, पूर्वी किदवई नगर, नई दिल्ली – 110023, ई-मेल: md@seci.co.in

    संबंधित दस्तावेज

    उद्देश्य

    सरकारी उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण स्थायित्व में सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अनुकूल तरीके से स्वदेशी सेलों और मॉड्यूलों का उपयोग कर, सरकारी उत्पादकों के जरिए सौर पीवी परियोजनाओं की स्थापना करना।

    अवधि

    वर्ष 2019-20 से 2022-23

    मुख्य विशेषताएं

    • पात्र संगठन – सरकारी उत्पादक (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम / सरकारी संगठन) जो प्रशासनिक नियंत्रणाधीन हैं अथवा जिनमें केन्द्र / राज्य सरकार की 50% हिस्सेदारी हो
    • भारत सरकार से सहायता प्राप्त: 70 लाख रु. प्रति मेगावाट तक वीजीएफ; अपेक्षित वीजीएफ के लिए बोली प्रक्रिया के माध्यम से वास्तविक वीजीएफ का निर्धारण किया गया।
    • आवंटन का मोड: अपेक्षित वीजीएफ के संबंध में सेकी के जरिए बोली प्रक्रिया
    • सौर विद्युत का उपयोग: स्वयं के उपयोग अथवा डिस्कॉम के माध्यम से सरकार के अन्य संगठनों द्वारा उपयोग
    • स्वदेशी सामग्री आवश्यकता: स्वदेशी तौर पर निर्मित सौर पीवी सेल और मॉड्यूल

    वित्तीय सहायता कैसे प्राप्त करें

    इस योजना के तहत सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेकी) द्वारा जारी बोलियों में भागीदारी के माध्यम से

    किनसे संपर्क करें

    • श्री रुचिन गुप्ता, निदेशक, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय,

    ब्लॉक 14, सीजीओ कॉम्पलेक्स, लोधी रोड, नई दिल्ली – 110003

    टेलीफैक्स: 011-24362488, मेल: ruchin.gupta@gov.in

    • प्रबंध निदेशक, सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी), प्रथम तल, डी-3, ए-विंग,

    प्रायस प्लैटिनम बिल्डिंग, डिस्ट्रिक्ट सेंटर, साकेत, नई दिल्ली-110017, दूरभाष सं. 011-71989201,

    फैक्स: 011-71989235, ई-मेल: md@seci.co.in

     

     

    संबंधित दस्तावेज

    • एमएनआरई की सीपीएसयू योजना चरण-II में योजना के तौर तरीके और डिस्कॉम की भूमिका के संबंध में सरकारी क्षेत्र और सेकी में बिजली वितरण कंपनियों को पत्र (03.07.2019)
    • सीपीएसयू योजना चरण-II (सरकारी उत्पादक योजना) के लिए योजना दिशानिर्देश के संबंध में दिनांक 5 मार्च, 2019 का प्रशासनिक अनुमोदन (05.03.2019)
    • सीपीएसयू योजना चरण-II के तहत सरकारी उत्पादकों के लिए वचन पत्र का फार्मेट (उल्लिखित नहीं)